हिंदी पत्रलेखन
औपचारिक - ई-पत्र क्रमांक १
औपचारिक - ई-पत्र क्रमांक १
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विषय : फीस माफ़ी के लिए प्रधानाचार्य को पत्र। ८ मई २०१८
सेवा में,
प्रधानाचार्य जी,
जवाहर पब्लिक स्कूल,
जनकपुरी ,दिल्ली -18
प्रधानाचार्य जी,
जवाहर पब्लिक स्कूल,
जनकपुरी ,दिल्ली -18
jpsj@gmail.com
विषय : फीस माफ़ी हेतु पत्र।
महोदय ,
सविनय निवेदन है कि मै आपके विद्यालय का कक्षा 10 का छात्र हूँ। मेरे पिताजी अपने छोटे से व्यवसाय द्वारा बड़ी कठिनाई से परिवार का पालन पोषण करते हैं। बढ़ती महंगाई के कारण काफी समस्याओ का सामना करना पड़ रहा है। घर में आवश्यक वस्तुओं का अभाव रहता है। मेरे 4 भाई-बहन विभिन्न स्कूलों में पढ़ रहे है, उनकी पढ़ाई -लिखाई आदि के खर्चे का बोझ पिताजी के सर पर लदा रहता है।
मै अपनी कक्षा का परिश्रमी छात्र हूँ और कक्षा में सदैव प्रथम आता हूँ। खेलकूद में भी मेरी अच्छी रूचि है।
अतः आपसे निवेदन है की आप मेरी विद्यालय की फीस माफ़ करने की कृपा करें जिससे मैं अध्ययन कर सकूं। मेरे अभिवावक आपके अत्यंत आभारी रहेंगे।
विषय : फीस माफ़ी हेतु पत्र।
महोदय ,
सविनय निवेदन है कि मै आपके विद्यालय का कक्षा 10 का छात्र हूँ। मेरे पिताजी अपने छोटे से व्यवसाय द्वारा बड़ी कठिनाई से परिवार का पालन पोषण करते हैं। बढ़ती महंगाई के कारण काफी समस्याओ का सामना करना पड़ रहा है। घर में आवश्यक वस्तुओं का अभाव रहता है। मेरे 4 भाई-बहन विभिन्न स्कूलों में पढ़ रहे है, उनकी पढ़ाई -लिखाई आदि के खर्चे का बोझ पिताजी के सर पर लदा रहता है।
मै अपनी कक्षा का परिश्रमी छात्र हूँ और कक्षा में सदैव प्रथम आता हूँ। खेलकूद में भी मेरी अच्छी रूचि है।
अतः आपसे निवेदन है की आप मेरी विद्यालय की फीस माफ़ करने की कृपा करें जिससे मैं अध्ययन कर सकूं। मेरे अभिवावक आपके अत्यंत आभारी रहेंगे।
आपका आज्ञाकारी शिष्य,
जयप्रताप
जयप्रताप
जयप्रताप सिंह,
आनंद विहार,
इंडिया गेट रोड,
दिल्ली - १७
jaisingh@gmail.com
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औपचारिक - ई-पत्र क्रमांक २
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विषय : विद्यालय में अनुपस्थिति पर प्रधानाचार्य को पत्र
८ मई २०१८
सेवा में,प्रधानाचार्य,
सैंट मैरी पब्लिक स्कूल,
वसंत विहार,
नई दिल्ली-110057
smps@gmail.com
विषय : विद्यालय में अनुपस्थिति को लेकर पत्र ।
महोदय,
मै क्षमा प्रार्थी हूँ कि मै दिनांक 14 एवं 15 अगस्त को अपनी कक्षा में उपस्थित नहीं हो सका। क्योंकि मेरे पिताजी शहर से बाहर गए हुए थे और मेरी माताजी अचानक आये तेज बुखार के कारण बीमार हो गयी थी।
घर पर उनकी देख-भल के लिए कोई नही था। मै आपको पहले से इस विषय में सूचित करने की स्थिति में नहीं था।
अतः मुझे दो दिन का अवकाश प्रदान करने की कृपा करें।
महोदय,
मै क्षमा प्रार्थी हूँ कि मै दिनांक 14 एवं 15 अगस्त को अपनी कक्षा में उपस्थित नहीं हो सका। क्योंकि मेरे पिताजी शहर से बाहर गए हुए थे और मेरी माताजी अचानक आये तेज बुखार के कारण बीमार हो गयी थी।
घर पर उनकी देख-भल के लिए कोई नही था। मै आपको पहले से इस विषय में सूचित करने की स्थिति में नहीं था।
अतः मुझे दो दिन का अवकाश प्रदान करने की कृपा करें।
आपका आज्ञाकारी शिष्य,
अनूप
अनूप त्रिपाठी,
अनूप
अनूप त्रिपाठी,
शांति सदन,
आनंद नगर,
नई दिल्ली - २५
anuptripathi@gmail.com
anuptripathi@gmail.com
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औपचारिक - ई-पत्र क्रमांक ३
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विषय : पुस्तक विक्रेता से पुस्तकें मँगवाने हेतु पत्र।
सेवा में,
मा. प्रबंधक,
नवीन प्रकाशन,
922, कूँचा रोहिल्ला खान,
नई दिल्ली - 2
navinprakashan@gmail.com
विषय : पुस्तक विक्रेता से पुस्तकें मँगवाने हेतु पत्र।
महोदय,
आपके द्वारा भेजा गया किताबों का सूचि पत्र मिला। धन्यवाद।
आपसे अनुरोध है कि आपकी सूचि में से चुनी हुई निम्नलिखित पुस्तकें अंत में लिखित पते पर शीघ्रातिशीघ्र भेजने का कष्ट करें। इस पत्र के साथ 500 रूपए अग्रिम राशि भेजी जा रही है। बाकी रकम किताबें मिलते ही आपके बैंक खाते में जमा कर देंगे। किताबों की मूल कीमत पर उचित छूट दीजिए। स्मरण रहे की सभी पुस्तकें ठीक स्थिति में होनी चाहिए।
किताबों की सूची -
राजनीति शास्त्र प्रथम वर्ष - 5 प्रतियाँ
अर्थ शास्त्र प्रथम वर्ष - 10 प्रतियाँ
भारत का इतिहास एस के चंद - 8 प्रतियाँ
उपन्यास - शतरंज के खिलाड़ी मुंशी प्रेमचंद - 5 प्रतियाँ
उपन्यास मेलुहा के मृत्युंजय अमीश त्रिपाठी - 2 प्रतियाँ
आशा हैं कि आप यथाशीघ्र किताबें भेजने का प्रबंध करेंगे।
सधन्यवाद !!!
भवदीय,
दीपक
दीपक शुक्ला,
पुस्तकाध्यक्ष,
डी ए वी गर्ल्स कॉलेज,
मेस्टन रोड,
मेस्टन रोड,
लखनऊ -१११ १११
deepakshukla@gmail.com
deepakshukla@gmail.com
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अनौपचारिक - ई-पत्र क्रमांक १
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विषय : परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने पर बधाई पत्र।
२० जून २०१८
दीपक यादव
deepakyadav@gmail.com
प्रिय मित्र दीपक,
सप्रेम नमस्ते !
तुम्हारे पापा को फोन किया, उन्ही से ज्ञात हुआ कि तुम बोर्ड परीक्षा में दिल्ली में प्रथम आए हो। इस समाचार को सुन मेरा मन ख़ुशी से भर गया। तुम्हे हार्दिक-हार्दिक बधाईयाँ !!!!!
मुझे तो पहले से ही विश्वास था कि तुम प्रथम श्रेणी में अच्छे अंकों से उत्तीर्ण होंगे लेकिन यह जानकार कि तुमने प्रथम श्रेणी के साथ-साथ जिले में भी प्रथम स्थान प्राप्त किया है, मेरी प्रसन्नता की सीमा न रही। इस परीक्षा के लिए तुम्हारे कठिन परिश्रम ने ही वास्तव में तुम्हे सफलता की इस ऊंचाई तक पहुंचाया है। मुझे तो पहले से ही पूरी आशा थी की तुम्हारा परिश्रम रंग अवश्य ही दिखाएगा और मेरा अनुमान सच साबित हुआ। तुमने प्रथम स्थान प्राप्त कर यह दिखा दिया की दृढ संकल्प और कठिन परिश्रम से कुछ भी प्राप्त किया जा सकता है।
मैं सदैव यह कामना करता हूँ कि तुम ऐसे ही जीवन की हर परीक्षा में प्रथम आओ और इसी प्रकार अपने परिवार का और अपने विद्यालय का नाम रौशन करो। आपके परिजनों को सादर चरणस्पर्श।
तुम्हारा मित्र,
आकाश
आकाश मिश्रा,
११ बी विकासखंड,
लखनऊ-२५
makash@gmail.com
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अनौपचारिक - ई-पत्र क्रमांक २
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विषय : पिता द्वारा पुत्र को समय के सदुपयोग पर पत्र
२१ जून २०१८
राहुल भंडारी
rahul@gmail.com
प्रिय राहुल
बहुत-बहुत आशीष !
आशा है तुम स्वस्थ और प्रसन्न होंगे। पिछले शनिवार को ही तुम्हारा पत्र मिला था। यह जानकार बहुत प्रसन्नता हुई कि तुम्हारा मन छात्रावास में लग रहा है। कल तुम्हारे छात्रावास-अधीक्षक से बात हुई थी। पता चला कि तुम इधर-उधर घूमने में बहुत रूचि लेते हो।
बेटे ! हमने तुम्हे छात्रावास में इस आशा और विश्वास के साथ भेजा है कि तुम खूब ध्यान से पढोगे। जब से तुम्हारी माँ ने यह सुना है कि तुम ठीक से पढ़ाई न करके मित्रों के साथ घुमते रहते हो, तब से वह बहुत अधिक चिंतित रहने लगी है। तुम अपनी माँ को जानते हो। वह बहुत अधिक चिंता करती है। तुम पढाई में मन लगाओ और माँ को पत्र लिखकर विशवास दिलाओ की तुम्हे पढ़ाई की पूरी चिंता है। यहाँ परिवार में सब कुशलमंगल हैं।
तुम्हारा शुभचिंतक पिता,
प्रशांत
प्रशांत भंडारी
29/623
नोएडा - २५ ( उत्तर प्रदेश )
prashantb@gmail.com
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अनौपचारिक - ई-पत्र क्रमांक ३
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विषय : मित्र को एक दिन अपने साथ बिताने के लिए आमंत्रण पत्र
107 सुभाष नगर
नई दिल्ली- 110027
३ मई २०१८
रेशमा राणे
reshamarane@gmail.com
प्यारी रेशमा,
सप्रेम नमस्ते !
हम दोनों का अगले सप्ताह बुधवार को अवकाश का दिन है। हमें मिले हुए बहुत समय हो गया है। अगर उस दिन तुम्हारी कोई और योजना नहीं है तो तुम एक दिन के लिए यहाँ क्यों नहीं आ जाती ? हम कहीं पिकनिक पर चलेंगे या पास के सिनेमाघर में फिल्म देखने चलेंगे।
कृपया अवश्य आना और मना मत करना। मेरी माताजी तुम्हारे बारे में पूछ रही हैं। पिताजी भी तुम्हारे बारे में पूछते रहते हैं। वे दोनों तुम्हे देखकर बहुत खुश होंगे।
अपने आने के बारे में शीघ्र व अवश्य लिखना। शेष बातें मिलने पर करेंगे।
आपकी सखी,
जैसमिन
जैसमिन कालरा
107 सुभाष नगर
नई दिल्ली 110027
nirajnamge@gmail.com
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